पिज्ज़ा-डिब्बा-मीनार

1995 में, मैं और सेज एक बहुत बड़ा ईमारत बनाये थे| उस का नाम “पिज्ज़ा-डिब्बा मीनार” था | वह पांच फीट लम्बा था | हम रात को खाना नहीं बनाते थे, बल्कि हम डोमिनोज का पिज्ज़ा मंगाते थे | जब भी हम पिज्ज़ा खाते तो हम डिब्बे एक के ऊपर एक रखते जाते और डिब्बों का एक मीनार बनता जाता | हमारा घर साफ नहीं था, क्योंकि हम दूसरी चीजें करना पसंद करते थे | हमने हमेशा विडियो गेम, टीवी और सैर-सपाटे को चुना| हम घर का काम नहीं करते थे इसीलिए हमारा घर हमेशा गन्दा रहता था|  

Photo by Frank Hebbert used under Creative Commons – Attribution license

तब हमने बजट नहीं बनाया था|  हम बहुत बार भोजनालय गए, पिज्ज़ा ख़रीदे, CDs ख़रीदे और  हमारा बैंक खाता हमेशा खाली ही रहता| यहाँ तक हम अपने महत्वपूर्ण  बिलों को पटाना भी भूल गए| थोड़ा-थोड़ा करके दस साल तक हम दोनों ने इस समस्या को सुलझाया|  हम एक बजट और एक कार्यक्रम बनाकर घर का काम शुरू किये| हम रुके नहीं! और इन चीजों को और आगे बढ़ाया| हर  हफ्ते हम थोड़ा सा जेब खर्च खुद के लिए निर्धारित करते थे | यह जेब खर्च निजी खर्चों के लिए था जैसे- कॉफ़ी, भोजनालय, आदि| यदि  हमें और पैसा खर्च के लिए चाहिए होता, तो हम घर का काम करते और हर कार्य के लिए हम थोड़ा सा पैसा लेते थे| हर परिवार को बजट बनाना चाहिए|  

हमारे फ्रिज पर

घर के काम करने के लिए एक अन्य राय देना चाहूँगा | हमारे घर में हम खेल खेलते हैं और अंत में विजेता दो कार्यों का चुनाव करता है | एक सरल कार्य विजेता के लिए और एक अन्य कार्य हारने वाले के लिए होता है | उदाहरण के लिए – अगर सेज जीतती है, तो वह फर्श साफ करेंगी और मुझे कहेंगी कि “टॉड, कपड़े धोओ!”  हमें बहुत मज़ा आता है और हमारा घर भी साफ हो जाता है | हमें ऐसा करते कम से कम दस साल हो गए | डेगन इन नियमों से मुक्त है पर वे भी घर के कामों में मदद करते हैं| अब हमारे घर में पिज्ज़ा के खाली डिब्बों का मीनार नहीं बनता |

5 thoughts on “पिज्ज़ा-डिब्बा-मीनार

  1. काम निपटाने का बहुत ही बढ़िया तरीका! काम भी हो जाये और मज़ा भी आता रहे। 😀

  2. The changes you and Sage have made in your lives and the way you have done that is great. You write so well. It has been a long time since I have read anything in Hindi. Those pizzas must have spoilt your health. I always like your posts. Regards, Lakshmi

    1. Thank you so much! I’m really glad we changed our eating habits since then. We ate so much like that. By the time we were in our late 20’s, though, we got to be a lot better. We still go out for meals too often but it isn’t all fried or junk food – they tend to be more balanced meals.

Share your thoughts!

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.