एक सुबह

एक सुबह मैं जल्दी चार बजे उठा | चाँद डूबने के बाद पूरे यर्ट, पूरे जंगल, पूरी दुनिया में अँधेरा है | मैं थोड़ा जल्दी उठ गया हूँ पर अब मैं फिर से नहीं सो सकता | मुझे बेचैनी नहीं लग रही और कोई परेशानी भी नहीं है | सिर्फ मेरी नींद उड़ गई है | 

सेज और डेगन दोनों सो रहे हैं | अचानक मन में एक विचार आ रहा है | हमारे यर्ट के पास एक पहाड़ है | यदि मैं जल्दी पहाड़ के ऊपर जाऊं तो मैं सूर्योदय देख सकता हूँ |मैं चुपचाप कपड़े और जूते पहन रहा हूँ | मैं बैकपैक लेता हूँ और इसमें दो केले, कुछ नमकीन और एक पानी की बोतल रखता हूँ | मैं तैयार हूँ पर जाने से पहले एक और विचार आता है कि मैं डेगन को साथ ले जाऊं| यदि मैं ऐसा करता हूँ, सेज देर तक सो सकती है | मैं डेगन का स्लिंग पहनता हूँ और डेगन को पलंग से उठाता हूँ | वो नींद में है और स्लिंग में वापस सो जाता है पर सेज भी उठ जाती है और पूछती है-

“टॉड – बहुत जल्दी है, न ? आप क्या कर रहे हैं ?” 

मैंने कहा – “मैं और डेगन पहाड़ पर चढ़ेंगे और सूर्योदय देखेंगे |” 

सेज ने कहा -“इंतज़ार कीजिये! मैं भी आउंगी !!”

पांच मिनिट बाद हम अँधेरे जंगल में चल रहे हैं | हमारी टॉर्च की बैटरी ख़त्म हो गई है इसीलिए हम धीरे-धीरे चल रहे हैं | मैं अँधेरे के कारण कुछ नहीं देख सकता इसीलिए मैं पैर से पत्थर और हाथ से पेड़ को छूकर महसूस करता हूँ | हमारी दो बिल्लियाँ भी पीछे आ रहीं हैं पर क्यों ? मुझे पता नहीं | मुझे लगता है कि वे भी नहीं जानते | पूरा समय वे जोर से म्याऊँ-म्याऊँ करते हैं |

हम छोटी नदी पार किये और दूसरी तरफ जमीन एक लोहे की तार से घिरी हुई है| मैं डेगन को सेज की गोद में देता हूँ और तार के नीचे से दूसरी तरफ जाता हूँ | सेज, तार के ऊपर से डेगन को मुझे देती है | अंत में सेज तार के नीचे से आती है | अब हम घास के खेत में हैं | हमारे सामने पहाड़ है | हम उस पर चढ़ना शुरू करते हैं | हमारी बिल्लियाँ रूक गई हैं शायद वे सोच रही है कि खेत में जंगली कुत्ते या गिद्ध उन्हें पकड़ लेंगे| हमारे ऊपर तारे चमक हैं पर मेरे ख्याल से सूरज निकलने वाला है | आकाश में थोड़ी-थोड़ी सी रोशनी हम देख सकते हैं |

हम पहाड़ के ऊपर-ऊपर चलते हैं | अब मैं घास देख सकता हूँ और दूर से म्याऊँ-म्याऊँ सुन सकता हूँ शायद वे सोच रही हैं कि यह खेत हमारे लिए भी खतरनाक होगा | 

हम पहाड़ की चोटी पर पहुंचे और हम तीनों पूर्व की तरफ देखते हैं | धीरे-धीरे आकाश नारंगी रंग का हो रहा है | घाटी में हम कुछ घर की रोशनियों को देख सकते हैं | हम अकेले नहीं है | किसान हमेशा जल्दी उठते हैं | फिर थोड़ी देर बाद सूरज निकलता हैं | हम पूरी घाटी देख सकते हैं और वह इतना सुन्दर है कि हम दोनों की आँखों में आंसू आ जाते है | 

हम साथ-साथ यह सुंदर दृश्य देखते हैं और फिर वापस आ जाते हैं | हमारी बिल्लियाँ खुश हैं परअभी भी चुप नहीं हैं | वे हमें लगातार डांट रही हैं जब तक हम यर्ट वापस नही आ गए | मैं सभी के लिए नाश्ता बनाता हूँ और उस के बाद हम तीनों सो जाते हैं |

8 thoughts on “एक सुबह

  1. हमेशा कुछ नया करते रहने से जिंदगी में उत्साह बना रहता है।

    1. सही बात है | यह मेरा मनपसंद आदत है | (ऊप्स – मैंने एक झूट बोला – कॉफ़ी मेरा मनपसंद आदत है – नया चीज़ें करना दूसरा है |

  2. Such a wonderful experience Todd. Good that you and Sage decided to see the sunrise. You have always had cats? I liked reading your post. I don’t read much in Hindi now.

    1. Oh so sorry for falling behind on responses. Yes – as you might’ve seen from my latest post, we’ve had cats almost as long as we’ve been together. The most we had – just before moving to the yurt and for the first year or so there – was eight. That was a bit much. Now we have two older boys – one about 11 and one about 20.

    1. Well, what wasn’t included was the brief stop when we found some wild onions next to the creek. I grabbed a few of those and put them in some scrambled eggs *before* going back to sleep.

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