सेज और मेरी शादी के कुछ दिनों बाद ही कई लोगों द्वारा हमसे सवाल पूछा जाने लगा: “बच्चे कब होंगे?” सभी दोस्त, सभी रिश्तेदार यहाँ तक कि कुछ अजनबी भी हमसे ऐसा पूछ रहे थे | हमारा जवाब होता था -“पता नहीं ,जब हम मानसिक रूप से तैयार होंगे| हम बच्चे का स्वागत करेंगे|” पर हम मन ही मन कहते थे- “बिलकुल नहीं! क्या आप लोग पागल हैं? बच्चे होने के बाद बहुत काम बढ़ जाता है| जब सूरज ठंडा हो जायेगा तब हम मम्मी पप्पा बनेंगे“
हम व्यस्त थे | हम युवा थे और दूसरी चीजों में समय गुजार रहे थे| हम टीवी और फिल्में देखते, वीडियो गेम खेलते और शॉपिंग करते थे | बच्चे के पैदा होने के बाद हम ये सब नहीं कर सकते| और जब हमें अकेलापन लगता??? हम अपनी आठ बिल्लियों के साथ समय बिताते थे |
चार- पाँच सालों बाद हमारे मन में थोड़ा-थोड़ा बदलाव आने लगा | अब कभी हम बच्चों के बारे में सोचते थे तो कभी हमें बच्चे नहीं चाहिए होते थे| सच कहे तो हमें बच्चे का थोड़ा सा शौक भी था, पर हमने सोचा जब तक हम दोनों मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार नहीं है, हमारा मम्मी पप्पा बनना गलत होगा |
एक दिन हमें लगा कि शायद सेज गर्भवती है| हमें डर लग रहा था| थोड़ा मन बहलाने के लिए हम फ्लोरिडा गए और दो हफ्ते सेज के परिवार के साथ रहे | सेज की फूफी की एक छोटी सी लड़की थी | वो दो साल की थी और बहुत ही प्यारी थी | सेज और मैं उन के पास बहुत समय बिताये और हमें बहुत मज़ा आया |
कुछ दिनों बाद हमें पता चला कि सेज गर्भवती नहीं है|
उसके बाद सेज ने कहा “मुझे अजीब लग रहा है|”
मैंने पूछा-“क्यों?”
उसने कहा-“मुझे थोड़ा सा अफ़सोस हो रहा है|”
“सच में?” मैंने कहा | “मुझे भी ऐसा महसूस हो रहा है|”
हम अभी भी बच्चे के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे | हम पुस्तकालय गए | हम पैरेंटिंग के बारे बहुत सी किताबें पढ़े | हर रात, जब मैं रात का खाना बना रहा होता था तब सेज मुझे पैरेंटिंग की किताब पढ़कर सुनाती थी| किताब में एक शीर्षक “ “पचास सवाल मम्मी-पप्पा से” था | उसमें बहुत सारे सवाल-जवाब थे | उस किताब में लिखी बातों पर हम घंटों विचार-विमर्श करते थे |
हमने सोचा कि हम दोनों को बच्चे की देखभाल सम्बन्धी कुछ ज़रूरी बातों के बारे में सहमत होना पड़ेगा | यदि हम दोनों किसी बात पर सहमत नहीं है तो बहुत बड़ी समस्या शुरू हो सकती है | किताब में कुछ सवाल थे जिसके लिए हम दोनों सहमत थे | उसके कुछ उदाहरण है जैसे:
“आप बहुत धार्मिक हैं या आपका परिवार बहुत धार्मिक है ?” (नहीं – हम दोनों नास्तिक हैं और हमारा परिवार रुढ़िवादी नहीं है |)
“यदि आपका बच्चा कुछ गलत किया – आप थप्पड़ मारेंगे ?” (कभी नहीं – क्यों ? मैं ये क्यों नही करूँगा इसका जवाब ,एक दूसरे ब्लॉग में लिखूंगा )
“किस प्रकार के स्कूल में पढ़ाएंगे ?” (हम उसको अपने आप सिखायेंगे – कैसे ? इसका जवाब भी एक अन्य ब्लॉग में होगा |)
“आपका बच्चा कहाँ सो जाएगा ?” पश्चिम में यह बहुत बड़ा टॉपिक है क्योंकि अक्सर हमारे यहाँ जन्म के बाद बच्चा एक कमरे में अकेला सोता है| यदि वो रोएगा तो मम्मी-पप्पा उसको चेक करेंगे और यदि बच्चे की तबीयत और स्थिति ठीक है तो फिर वे उनके बच्चे को अकेला रखते हैं | मैं और सेज सोचते थे कि हम बच्चे के साथ सोयेंगे | कुछ लोग सोचते हैं कि नींद में छोटे बच्चे दब सकते है| पर हम दोनों सोचते है कि यह चिंता सही नहीं है |
हम घंटों इस विषय पर बातचीत किये | कुछ हफ्ते बाद हमने निर्णय लिया कि हमें मम्मी-पप्पा बनना चाहिए |
आज हमारा बच्चा तेईस साल का है| कुछ छोटी-मोटी परेशानियाँ हुई पर हमेशा मैं और सेज साथ-साथ परेशानियों का सामना किये| अपने बच्चे के पालन-पोषण की बातों को लेकर हम दोनों कभी असहमत नहीं हुए और न ही हमने कोई लड़ाई-झगड़ा किया|
मेरी सलाह है कि जब भी किसी कपल से बच्चों के बारे में पूछा जाता है तो कुछ समय इंतज़ार करो| और एक-दूसरे से बच्चों के बारे में बात करो | कुछ लोग सोचते हैं- “जब बच्चा होगा सब ठीक हो जायेगा और अगर बच्चे को कोई परेशानी हुई वो उस समय देखेंगे | बच्चे के जन्म के पहले ऐसी बातें करना आसान है पर उसके बाद यदि वो दोनों किसी बात पर असहमत होते है तो फिर यह उनके बच्चे और उनके रिश्ते दोनों के लिए को बहुत खतरनाक हो सकता है |





Todd, bahot sundar. aur isliye bhi shayad maine thode dino pehle hi aapko follow kiya. Pata nahi tha ki hindi main likhte hain. Ye post bahot shandar lagi. wo teen tasveeron ne mann moh liya. dhanyavad.
Narayan x
I feel so delighted to see your posts in Hindi. Though I have to admit that I don’t read as it takes me time to read Hindi. But that you’ve progressed so much in Hindi is simple amazing.
Thanks! I’ve been lucky to have had someone willing to work with me for hours and hours every week and that helped a lot. And yes, I know what you mean about taking time to read Hindi. It is very slow for me as well. I read relatively quickly in English but in Hindi I am very slow, sounding words out like a small child and often looking at the dictionary as there are so many words I still do not know.
That’s great to know. That means more Hindi posts in the offing. 🙂
Very much understandable that you are slow in reading.