जैसा कि आप सभी जानते हैं मैं कुछ ब्लॉग उन शक्तिशाली महिलाओं के बारे में लिख रहा हूँ, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों से लड़कर अपने साहस और शक्ति से अपने जीवन को शानदार बनाया है| आज “शक्ति की एक कहानी” कड़ी में मैं एक ऐसी ही महिला ‘सेंड्रा शमस ‘का परिचय आपसे कराने जा रहा हूँ, जो एक अदाकारा है, खेतों में काम करती है और अपना जीवन अपने अनुसार जीती है| आज हम सब उनसे बात करके सीखेंगे कि किस प्रकार उन्होंने अपने जीवन को सफल बनाया है|
सुद्बुरी उत्तर ओंटेरियो में स्थित एक शहर हैं, जहाँ निकल की खदानें हैं| सन् 1970 के आस-पास वहाँ की महिलाओं के जीवन में विकल्प बहुत कम थे | बहुत सी युवतियों के लिए शादी करना और गृहणी बनना ही एकमात्र विकल्प था | यदि वे यूनिवर्सिटी गई होती तो भी शायद नर्स या शिक्षिका ही बन सकतीं थी | हाई स्कूल के बाद सेंड्रा शमस के पास कुछ करने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं थे | उन्हें नहीं पता था कि उन्हें क्या करना चाहिए इसलिए उन्होंने दूसरे शहर जाने का निर्णय लिया | उन्होंने बहुत से शहरों में छोटे-मोटे काम किये जैसे- वेटर का काम, बार में काम और साफ़ सफाई के काम |
एक दिन सेंड्रा नौकरी के सिलसिले में टोरंटों के “सेकंड सिटी” गयी| उस समय ‘सेकंड सिटी’ एक कॉमेडी क्लब और कॉमेडी स्कूल था | बहुत से छात्रों ने अपने अभिनय की शुरुआत वहाँ के रंगमंच से ही की और हॉलीवुड गए | एक दिन सेंड्रा ने वहाँ काम करने वाली एक महिला से एक आवेदन पत्र मांगा |
उस महिला ने सेंड्रा से पूछा- “कॉमेडी क्लास का आवेदन पत्र या नौकरी का?”
सेंड्रा ने सोचा – “नौकरी ही क्यों ? मैं क्लास भी तो कर सकती हूँ|”
उन्होंने जवाब दिया- “दोनों का आवेदन पत्र दे दीजिये |”
उनके दोस्त हमेशा उनसे कहते थे- “सेंड्रा, आप बहुत मजेदार हैं” इसीलिए उन्होंने सोचा कि कॉमेडी के क्लास में उन्हें बहुत मज़ा आयेगा | दिन में वह रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी और रात में क्लास में पढ़ती थी|
एक दिन ‘सेकंड सिटी’ वालों ने कहा कि आपमें बहुत योग्यता है | आप हमारे साथ काम कीजिये | कुछ समय बाद वह भी ‘सेकंड सिटी’ में काम करने लगी | वह ‘सेकंड सिटी’ के “टूरिंग विभाग” में थी| ( टूरिंग कंपनी कुछ एक्टर का समूह होता है और उस समूह के सदस्य अलग-अलग जगह जाकर अपनी प्रस्तुति देते हैं) उन्होंने रिसेप्शनिस्ट का काम छोड़ दिया | उन्हें “टूरिंग कंपनी” में नौकरी करने में मज़ा आ रहा था, पर एक चीज़ हो रही थी, जो कि सेंड्रा को पसंद नहीं थीं जैसे- जब वे रंगमंच पर छोटे नाटक खेलते थे, उसमें हमेशा आदमी ही मुख्य किरदार में होते थे, जबकि महिलाओं को हमेशा दोयम दर्जे के रोल ही मिलते थे | कुछ समय बाद वह ग्रुप बंद हो गया और उनको एक नयी नौकरी करनी पड़ी| अब सेंड्रा एक बात जानतीं थीं कि उनको सामान्य नौकरी नहीं करनी चाहिए | उन्होंने कॉमेडी शो में कई बार अपनी हास्य कला का प्रदर्शन किया | अधिकतर इस प्रकार के शो पैसा नहीं देते थे और कभी देते भी थे तो बहुत कम इसीलिए उन्होंने छोटी – मोटी नौकरियां कीं |
एक बार एक पार्टी में वह अपना कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही थी | प्रस्तुति के बाद एक व्यक्ति सेंड्रा के सामने आया और उन्होंने सेंड्रा से पूछा – “क्या आपने कभी अपने कार्यक्रम में कठपुतली का प्रयोग किया है?
सेंड्रा ने कहा- “नहीं, पर मैं कोशिश कर सकती हूँ|”
वह आदमी ‘जिम हेंसन’ थे | उन्होंने कहा- “हाँ! मेरे टीवी शो में कोशिश कीजिये|”
सेंड्रा ने बहुत समय तक उस शो में काम किया| शो के बाद वह एक थियेटर फेस्टिवल में शामिल हुई| उनका कॉमेडी शो महिलाओं के जीवन से संबंधित था| वह शो बहुत कामयाब हुआ और उसके बाद उन्होंने और भी कई शो किये | उसके बाद उन्होंने खुद का शो शुरू किया| सेंड्रा ने शो के साथ-साथ अपने खेतों में भी काम किया|
तो चलिए मिलते है सेंड्रा से-
प्रश्न – सेंड्रा जब आप अपने खेत में आयी तब आप नितांत अकेली थी | आपने कैसे खेती के काम को सम्हाला ? क्या आपको खेतों में काम करने का कोई अनुभव था?
सेंड्रा – पहले साल मैं अपने टूटे हुए रिश्ते का शोक मना रही थी| जीवन में यदि एक दुख आता है, तो उसके साथ अतीत के और भी दुख अपने आप चले आते हैं| अपने सभी दुखों को देखकर मुझे अहसास हुआ कि यह एक अच्छा मौका है अतीत के सभी दुःख- दर्द से निपटने का | मैं अपने घर में बहुत दिनों तक चुपचाप बैठी रही| फिर मैंने अपने आस-पास उपस्थित सकारात्मक उर्जा से धैर्यवान होना सीखा | मैंने देखा जमीन जिसमें मैं रह रही हूँ अविनाशी है और उसके साथ एक जन्म तक रहना जैसे एक पल हो | मेरी परेशानियाँ बहुत छोटी हैं | जमीन उतना दयालु नहीं होता है| जमीन ने जैसे मुझसे कहा – “आप उदास हैं? आपको पता है दुनिया में कितने सारे युद्ध हो रहे हैं? लोग एक दूसरे को काट रहे है | उसके सामने आपकी परेशानी और दुख बहुत कम है | आप एक दिन मर जायेंगे और सबकुछ ख़त्म हो जायेगा इसलिए मज़बूत बनो |” मैंने सोचा – “ओह ! यह बहुत कठिन है पर चलेगा |”
मुझे यह समझ में आया कि धरती शाश्वत है, पर मैं नश्वर हूँ, अस्थायी हूँ, क्षणिक हूँ | इस सोच ने मुझे संबल दिया और लगभग दो सालों बाद मैं ठीक हुई| मैं अधिकतर समय अपने घर के बरामदे में गुजारती थी | मुझे लगता था कि मेरा जीवन जैसे एक बड़े बर्तन में मटर के एक दाने की तरह है | सभी चीजें जैसे गोल-गोल घूम रही थी| मैं इसकी आदि हो चुकी थी| रात में अँधेरा कुछ ज्यादा ही गहरा लगता था | मुझे बाहर केवल प्राकृतिक चीज़े ही दिखाई देती थी | मेरे आस-पास कोई भी ऐसी मानवनिर्मित चीज़े नहीं थी, जो मुझे अहसास दिलाये कि दुनिया में इंसान भी रहते हैं| सिर्फ मेरा घर था और बिजली का खम्भा | मैं समझ गई कि कैसे दो अलग-अलग विचार एक साथ रह सकते हैं| एक तरफ मेरा डिवोर्स था, मेरे बचपन की कड़वी यादें और दुख और दूसरी ओर कुछ छोटे-मोटे सहारे | मुझे लगता था जैसे मैं कोई छोटी नौ-दस साल की बच्ची हूँ| मैं सोचती रहती थी कि मैं क्या करू? कहाँ जाऊ?
कुछ समय बाद मैंने साग-सब्जियाँ उगाने का प्रशिक्षण लिया| खेतों व जंगलों के रख-रखाव संबंधी ज्ञान प्राप्त किया | मेरे पास जमीन का एक टुकड़ा था और मैं जानती थी कि मेरी पूरी जमीन मेरी जिम्मेदारी है| मैंने निर्णय लिया कि मैं अपने खेतों और जंगलों में कोई भी हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं करुँगी|


प्रश्न – वे महिलाएं जो अकेली रहकर संघर्ष करती है, उन्हें आप क्या सलाह देना चाहेंगी?
सेंड्रा – सभी महिलाओं से मैं कहना चाहूंगी कि सबसे पहले सुरक्षित रहिये इसीलिए रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह का चुनाव कीजिये | जो भी चीज आपको लगती है अपने परिवार, अपने दोस्तों, सगे-सम्बन्धियों से मिलनी चाहिए वो चीज आपको अपने आपको देनी चाहिए जैसे- प्यार और देखभाल | आपको किसी भी प्रकार की परेशानी उत्त्पन्न करने वाले लोगों तथा परिस्थितियों से दूर रहना चाहिए | आपको कोई अच्छी नौकरी खोजनी चाहिए | जब आप अपने लिए भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं और अपने घर का किराया देने में सक्षम है, तब आपका अगला चरण आपसे ज्यादा दूर नहीं होगा| वह आपके एकदम सामने ही होगा| आपको अगला काम कौन सा करना है हमेशा यह आपको अपने आप ही दिखाई देने लगता है| वह नया कार्य बहुत कठिन या जटिल नहीं होगा, बहुत आसान होगा |
यदि आपको कोई सब्जी पसंद है, तो आज आप उसे अपने लिए बनाइये | सोचिये कि कैसे ठंडी के दिनों में धूप का आनंद लिया जाए | अपने आपको आगे बढ़ाएं, अपने होने को आगे बढ़ाएं, अपने अस्तित्व को आगे बढ़ाएं | जब कोई महिला शादी में होती है, तो अधिकतर वह दूसरों के लिए जीती है| शादी टूटने के बाद वह अपने लिए जीती हैं| जब आप अपने लिए जीना शुरू करती है, तब आप जानती हैं कि आप कौन हैं| आपको अपने व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए | यदि आप उन चीजों को अच्छी तरह सीखते हैं, जिसे आप रोज करते हैं, जो आपको प्यारी है और जो आपके लिए अच्छी है, तो इस प्रकार आप अपने आपसे प्यार जताती है| जब कभी आप सोचते है कि आपको कोई प्यार नहीं करता तब सुरक्षित रहकर, हर दिन अपने आपको अच्छा भोजन खिलाकर, खुद की बच्चों की तरह देखभाल करके आप अपने आपको प्यार कर सकती हैं| आप अपने लिए जितना ज्यादा करते है उतना ज्यादा आप अपने आपको प्यार करते हैं|


कोई भी रिस्क लेने से पहले आपका एक मजबूत आधार होना चाहिए और यह आपके बाहर नहीं है जैसे- जब मैं किसी रंगमंच पर जाती हूँ, तब मुझे अपने लाइन पता होने चाहिए और मुझे पता होना चाहिए कि मुझे क्या करना है| मेरी मदद केवल मैं ही कर सकती हूँ| निर्णय ले कि किसका साथ आपके लिए अच्छा है| आपको लगता है कि आप बुरे लोगों को झेल सकते हैं, पर आपको नहीं झेलना चाहिए वास्तविकता यह है कि आप नहीं झेल सकती| जो उर्जा आप दूसरों पर खर्च करती हैं| उसे अपने व्यक्तित्व विकास में लगा सकती हैं| जब आप बुरी चीजों को सहती हैं, तो आपको कुछ भी प्राप्त नहीं होता| अगर आप ऐसा करती है तो अपने साथ गलत करती हैं| जीवन की सबसे बड़ी गलती करती हैं|
इंटरव्यू के बाद मैं उनके साथ हुई बातचीत को फिर से एक बार ध्यान से सोचा| यह कुछ इस प्रकार का था कि जब अंग्रेज भारत में थे तब वे भारतियों से कहते थे कि आप हमारे बिना कोई प्रगति नहीं कर सकते जबकि भारतीय लोग अंग्रेजों से ज्यादा मेहनती और निपुण थे| ठीक उसी प्रकार कुछ आदमी भी ऐसा ही सोचते हैं कि महिलाएं पुरुषों की मदद के बिना कुछ भी नही कर सकती जबकि महिलाएं हर बात में उनसे बहुत आगे होती है|
बहुत पहले अंग्रेजों ने नमक पर कर लगाया था | गांधीजी ने सबके साथ मिलकर नमक बनाकर भारतियों की शक्ति दिखाई | अंग्रेजों को भारतियों की आत्मनिर्भरता पसंद नहीं आयी और उन्होंने हिंसा की| कुछ पतियों को भी अपनी पत्नी की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता पसंद नहीं आती और वे उनके साथ हिंसा करते हैं| इसका कारण असुरक्षा की भावना है क्योंकि वे जानते है कि यदि कोई इंसान आत्मनिर्भर और स्वतन्त्र हो जाता है, तो इनका महत्त्व कम हो जायेगा| महिला और पुरुष दोनों बराबर है| जब दोनों घर और बाहर के काम, बच्चों की देखभाल साथ-साथ करते हैं, तो परेशानियों की सम्भावना बहुत कम हो जाती है| सकारात्मक रहते हुए वे अपने परिवार, रिश्ते और स्वयं का विकास भली भांति कर सकते हैं|
मैं इतने अनुभव से यह कैसे कहा सकता हूँ? क्योंकि मैं ऐसा जीवन रोज जीता हूँ|
आप दोनों ही प्रशंसा के पात्र हैं। बस सिर्फ धन्यवाद दे सकती हूं सैंड्रा के शब्द हम तक पहुंचाने और अपनी टिप्पणियां हमसे साझा करने के लिए।
बहुत धन्यवाद!