कृष्णा सोबती की ‘ऐ लड़की’ मेरी दृष्टि में

पिछले दिनों मैंने कृष्णा सोबती की प्रसिद्ध लम्बी कहानी ‘ऐ लड़की’ अपनी हिंदी कक्षा में पढ़ी | मुझे कहानी और उपन्यास पढ़ना पसंद है, पर मुझे सबसे ज्यादा संस्मरण पढ़ना अच्छा लगता है क्योंकि उसमें जीवनदर्शन शामिल होता है और … Continue reading कृष्णा सोबती की ‘ऐ लड़की’ मेरी दृष्टि में

“आपके बच्चे कब होंगे?”

सेज और मेरी शादी के कुछ दिनों बाद ही कई लोगों द्वारा हमसे सवाल पूछा जाने लगा: “बच्चे कब होंगे?” सभी दोस्त, सभी रिश्तेदार यहाँ तक कि कुछ अजनबी भी हमसे ऐसा पूछ रहे थे | हमारा जवाब होता था … Continue reading “आपके बच्चे कब होंगे?”

‘उदासी’ को छोड़ रहा हूँ, किताबों की सीढ़ियों को चढ़ते हुए|  

मेरी कुछ पुरानी यादों में से एक सबसे पुरानी घटना, जो अब तक मुझे याद है जब मैं तीन साल का था| मैं चम्मच  से मिट्टी में खेल रहा था | तभी एक लड़की आयी, जो मुझे बहुत बड़ी लग … Continue reading ‘उदासी’ को छोड़ रहा हूँ, किताबों की सीढ़ियों को चढ़ते हुए|  

एक सुबह

एक सुबह मैं जल्दी चार बजे उठा | चाँद डूबने के बाद पूरे यर्ट, पूरे जंगल, पूरी दुनिया में अँधेरा है | मैं थोड़ा जल्दी उठ गया हूँ पर अब मैं फिर से नहीं सो सकता | मुझे बेचैनी नहीं … Continue reading एक सुबह

यर्ट बनाना

जब सभी हमारे यर्ट का सामान जंगल में था तब पांच-दस और महिलाएँ वहाँ पहुंची और पार्टी जैसा माहौल बन गया| मेरी दोस्त जिसका नाम ‘क्वे’ था,यर्ट के सभी निर्देशों  को पढ़ रही थी और कुछ महिलाओं को निर्देश दे … Continue reading यर्ट बनाना